डिविडेंड क्या होता है और कैसे काम करता है

स्टॉक मार्केट के जरिए आप हर महीने passive income किस तरह कमा सकते है इस पोस्ट में जानेंगे , और वहीं चीज है Dividend.

ये एक ऐसा तरीका है जिसमे आपको कुछ खरीदना और बेचना नही है। बस ये आपको इसलिए मिल रहा है क्योंकि आपके पास उस कंपनी का शेयर है।

दोस्तों स्टॉक मार्केट में दो तरह से पैसे कमाएं जाते है। पहला सिंपल है जो सभी लोग करते है, जैसे कि किसी स्टॉक को ₹200 रूपय में खरीदा और ₹500 में बेचा तो हमारा फायदा 300 रुपया का हुआ। Dividend इस चीज से अलग हैं।

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Dividend क्या होता है

किसी भी कंपनी के लाभ में partner का हिस्सा होता है, जो लाभ कमाने पर अपने शेयरहोल्डर में बांटती है इसे ही Dividend कहा जाता है। डिविडेंड पैसे, शेयर या अन्य कई रूपों में दिया जा सकता है।

जब किसी कंपनी को मुनाफा होता है और कंपनी मुनाफे को खर्च नही कर पा रही है तो, उस मुनाफे को अपने शेयरहोल्डर में बांट देती है इसे ही डिविडेंड कहा जाता है।

Dividend दो word मिलकर बना है शायद आपको पता चला गया होगा की वो दो वर्ड क्या है।

  • Divide + End = Dividend
  • End में जो पैसा बच्चा उसे Divide करो End में इसीलिए इसे Dividend कहते हैं।

जब कभी भी आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते है तब आप कही न कही उस कंपनी एक छोटा सा भाग या हिस्सा खरीद रहे है। आप चाहे कितना भी हिस्सा खरीद रहे हो उतना का आप मालिक बन जाते हो।

तो जब कंपनी प्रॉफिट कमाती है तो आपका भी प्रॉफिट होता है , Vice-versa.

कंपनी डिविडेंड क्यों देती है

कंपनी को एक साल में जितना भी प्रॉफिट हुआ, कंपनी उस प्रोफिट को बैंक या कैश में ना रखकर या तो पैसे को फिर से अपनी ही कंपनी में लगा देती है, और अगर कोई ऐसी कंपनी है जिसका प्रॉफिट काम से ज्यादा है तो वो उस प्रोफिट को अपने शेयरधारकों में डिविडेंड के रूप में बांट देती है।

कंपनी चाहे तो वो उस प्रॉफिट को फिर से reinvest कर सकती है। जो कंपनी नई होती है या फिर अभी stable नही है या अपने R&D a Advertisement पे ज्यादा इन्वेस्ट करना चाहती है क्योंकि इससे और प्रॉफिट होगा तो ऐसे समय में सारा पैसा फिर से कंपनी में लगा दिया जाता है। दूसरी वैसे बड़ी कंपनिया होती है जो बहुत ज्यादा प्रॉफिट कमाती है और समझ नही आता इतने पैसे का क्या करे तो वो अपने investor में बांट देती है।

Dividend के प्रकार

मुख्यत: डिविडेंड तीन प्रकार का होता है।

Cash Dividend ( कैश डिविडेंड )

कैश डिविडेंड शेयरधारकों को चेक के रूप में दिया जाता है। इस तरह के आय पे शेयरहोल्डर्स को अपने आय यानी की डिविडेंड पे टैक्स देना पड़ता है।

उदाहरण – यदि किसी आदमी के पास कंपनी के 500 शेयर्स है और उनका कैश डिविडेंड का प्राइस ₹5 है तो उसे डिविडेंड के रूप में ₹2500 मिलेंगे।

Stock Dividend ( स्टॉक डिविडेंड )

स्टॉक डिविडेंड में कंपनी शेयरहोल्डर को लाभ देने के बदले स्टॉक देती है , मतलब कि इसमें आपको कैश नही बल्कि उस लाभ के बदले और शेयर्स मिलेंगे। उदाहरण – 1000 शेयर रखने वाले को पांच प्रतिशत का डिविडेंड लाभ होने पर कंपनी उसे पांच अतिरिक्त शेयर देगी।

Property Dividend ( प्रॉपर्टी डिविडेंड )

कंपनी प्रॉपर्टी डिविडेंड में कैश या स्टॉक के बदले कुछ एसेस्ट प्रोडक्ट्स देती है।

Dividend कैसे काम करता है

आपको मैं एक बात बता दूं सारी कंपनिया डिविडेंड नही देती है , डिविडेंड देना कंपनी के ऊपर निर्भर करता है। एक ऐसी कंपनी जो बहुत सालों से डिविडेंड देती आ रही है वो डिविडेंड देना बंद कर सकती है , और ऐसी कंपनी जिसने आजतक डिविडेंड नहीं दिया वो भी Dividend दे सकती है।

Note – Dividend देना या ना देना कंपनी कंपनी पे निर्भर करता है।

डिविडेंड के अन्य प्रकार

डिविडेंड के मुख्य तीन प्रकार होते है स्पेशल डिविडेंड, अंतरिम डिविडेंड और फाइनल डिविडेंड।

स्पेशल डिविडेंड

इसमें सबसे पहले डिविडेंड अनाउंसमेंट डेट होता है इस दिन डिविडेंड देने की घोषणा होती है। फिर इसी के साथ और दो डेट जो की रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट होती है। रिकॉर्ड डेट वो दिन होती है जिसदिन कंपनी देखती है कि किस किस इन्वेस्टर्स के डीमैट अकाउंट में शेयर्स है। पेमेंट डेट के दिन कंपनी शेयर्स देती है।

Ex-Dividend date – रिकॉर्ड डेट के एक दो दिन पहले एक्स डिविडेंड डेट होता है , डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए इस डेट से पहले आपको शेयर्स खरीदना होगा।

अंतरिम डिविडेंड

अगर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स फाइनेंशियल ईयर के बुक्स ऑफ अकाउंट्स क्लोज़ होने से पहले डिविडेंड देने की घोषणा करें तो उसे अंतरिम डिविडेंड कहते है। ये शेयर्सहोल्डर की सहमति से वापस भी लिया जा सकता है।

फाइनल डिविडेंड

फाइनल डिविडेंड वो डिविडेंड होता है जब कंपनी फाइनेंशल ईयर खत्म होने पर AGM ( Annual general meeting ) में डिविडेंड देने की घोषणा करती है , इस डिविडेंस को वापस नही लिया जा सकता है।

महत्वपूर्ण डिविडेंड डेट

Date Importance
Announcement dateइस दिन कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स डिविडेंड देने की घोषणा करते है।
Ex-Dividend dateइस डेट से पहले आपको शेयर्स खरीदने होंगे।
Record dateइस डेट को कंपनी देखती है की कौन कौन से इन्वेस्टर्स है जिनके डीमैट अकाउंट में शेयर्स है।
payment dateजिस दिन आपको डिविडेंड मिलता है।

ब्याज और लाभांश शब्दों में क्या अंतर है?

BaseinterestDividend
Meaningउधार के पैसों पे इंटरेस्ट लगाया जाता है ये बैंक या कोई इंसान भी ले सकता है।अगर कंपनी को प्रोफिट होता है तो उसे शेयर्सहोल्डर में बांटती है उसे डिविडेंड कहते हैं।
क्या है ?उधार के पैसों पे चार्ज।प्रोफिट का छोटा सा हिस्सा।
अनिवार्य हांनहीं
रेट फिक्स प्रिफरेंस शेयर में फिक्स लेकिन इक्विटी शेयर में फिक्स नहीं हैं।
किसको मिलेगाकर्ज़ लेने वाला , डिबेंचर्स होल्डर्स शेयर्सहोल्डर

FAQ

शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है?

कोई पब्लिक कंपनी जब लाभ कमाती है तो उसे अपने शेयरहोल्डर में बांटती है तो उसे डिविडेंड कहा जाता है।

सबसे ज्यादा डिविडेंड कौन सी कंपनी देती है?

भारत में सबसे ज़्यादा REC Ltd, Hinduja Global कंपनी डिविडेंड देती है।

किसी कंपनी का डिविडेंड कैसे चेक करें?

Moneycontrol वेबसाइट पे आपको सारे कंपनी के डिविडेंड की जानकारी मिल जाएगी।

आपने क्या सीखा

दोस्तो, आप डिविडेंड को अपना passive income भी बना सकते हो इसलिए आप सोच समझकर और रिसर्च करके पैसा लगाए। अपने पोर्टफोलियो में अच्छे डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स को जरूर रखे।

मुझे उम्मीद है की आपको हमारा पोस्ट dividend क्या होता है पसंद आया होगा और आपकी डिविडेंड से जुड़ी समस्या का समाधान मिला होगा। अगर अभी भी कोई प्रश्न है तो आप कॉमेंट करके जरूर पूछे।

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