जब हम स्टॉक मार्केट या शेयर बाजार की बात करते है तो हमारे सामने कुछ ऐसे ऐसे टर्म आते है, जिन्हें हम नही जानते है उसी में से एक टर्म है फेस वैल्यू (face value) , जब भी स्टॉक की एनालिसिस करने या फिर रिसर्च करने की बात आती है तो वहां पे face value का नाम जरूर आता है। तो चलिए जानते है Face value क्या होता है
दोस्तो मैं सूर्यभान आज आपको face value और इससे मिलते हुए कुछ टर्म जैसे की Book value और market value के बारे में बताउगा, मुझे उम्मीद है की आपको इस पोस्ट को पढ़ने के बाद फेस वैल्यू से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल चुके होंगे और अगर कुछ सवाल आपके मन में आ रहे हो तो आप कॉमेंट में पूछ सकते है।
वैसे तो फेस वैल्यू बहुत सिंपल सी चीज है लेकिन लोग face value , market value और book value में अंतर नहीं समझ पाते हैं तो इस पोस्ट के जरिए आपको क्लैरिटी के साथ सारी जानकारियां मिलेंगी।
Face value क्या होता है
Face value किसी भी स्टॉक की original value होती है , जब कोई कंपनी लीगल तरीके से शुरू होती है और अपने शेयर्स डिक्लेयर करती है, तब कंपनी जिस प्राइस पे शेयर्स डिक्लेयर करती है उसे face value कहा जाता है।
कंपनी शुरू वक्त सारे शेयर्स promoters और founders ही होल्ड करते है। बाद में जरुरत के अनुसार अपने शेयर्स को IPO में बेच सकते है।
फेस वैल्यू को हम par value के नाम से भी जानते है और हिंदी में इसे अंकित मूल्य कहा जाता है।
Face value कैसे निकालें
माना कि मैने एक कंपनी शुरू की ABC Ltd नाम से और उसे 1 लाख शेयर्स में बांटा और उसकी फेस वैल्यू ₹10 रखी। अधिकतम कंपनियों के फेस वैल्यू ₹1-10 के बीच में ही होता है।
अब मैं कंपनी का IPO लाना चाहता हूं तो हो सकता है की मैं अपने शेयर्स को ₹200 पे वैल्यू करना चाहू नाकि ₹10 पे, अब मैं जितना भी ज्यादा प्राइस रखूंगा वो हो जाएगा शेयर प्रिमियम।
जैसी कि इस कंपनी का फेस वैल्यू तो ₹10 है लेकिन मैने IPO में शेयर इश्यू किए ₹200 पे तो इसका शेयर प्रिमियम ₹190 होगा। शेयर पीमियम निकालने के लिए सिंपल फॉर्मूला है।
- Share Premium = Share price – Face value
Face value का महत्व
अब जानते है कि फेस वैल्यू इतना महत्वपूर्ण क्यों है। इस वैल्यू का दो सबसे important काम हैं।
1. Calculation of Dividend – फेस वैल्यू का पहला काम डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन में होता है। कंपनी हमेशा डिविडेंड अपने face value पे ही घोषित करती है। जैसे की मानिए ABC Ltd कंपनी ने डिविडेंड घोषित किया 150% का तो कंपनी डिविडेंड अपने फेस वैल्यू पे ही देगी।
Dividend = ₹10×150%= ₹15
इसका मतलब ABC Ltd कंपनी अपने एक शेयर पे ₹15 का डिविडेंड देगी। अक्सर नए इन्वेस्टर सोचते है कि डिविडेंड मार्केट प्राइस पे दिया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। मैं समझता हूं कि अभी तक आपको सब कुछ समझ आ रहा होगा।
2. Calculation of Premium – इसके बारे में हमने पहले ही बात किया था कि शेयर प्रीमियम निकालने के लिए फेस वैल्यू का इस्तेमाल करते हैं।
क्या फेस वैल्यू चेंज हो सकती है
वैसे तो face value चेंज नही होती हैं लेकिन कुछ केस में चेंज हो सकती है जैसे की stock spilt, इसमें कंपनी एक शेयर को कई पार्ट में डिवाईड करती है। जिसकी वजह से शेयर की फेस वैल्यू कम हो जाती है।
माना कि ABC Ltd कंपनी के शेयर की फेस वैल्यू ₹10 है लेकिन कम्पनी ने स्टॉक स्प्लिट किया 2:1 में तो इसका मतलब हुआ कि हर एक शेयर को दो पार्ट में बांटना है तो यहां पे ABC Ltd कंपनी का फेस वैल्यू ₹5 हो जाएगा।
अगर कंपनी लंबे समय से लॉस फेस कर रही है तो ऐसे समय में भी खारीज करने के लिए कम्पनी अपनी फेस वैल्यू को कम कर सकती है।
Face value , market value और book value में अंतर
आपको फेस वैल्यू के बारे में पता चल गया अब बात करते है मार्केट वैल्यू की तो मार्केट वैल्यू शेयर की करेंट प्राइस होती है जो ट्रेडिंग के समय सेकंड में बदलती रहती है। अगर अभी आप कोई शेयर्स खरीदना चाहते है तो आपको मार्केट वैल्यू पे ही शेयर्स खरीदने के लिए मिलेगा।
लगभग सभी शेयर्स की मार्केट वैल्यू उसके फेस वैल्यू से ज्यादा होती है पैनी स्टॉक्स को छोड़कर। इंडिया की जो बड़ी बड़ी कंपनिया है जैसे Relience, HUL, Nestle अगर आप इनकी मार्केट वैल्यू और फेस वैल्यू के अंतर को देखेंगे तो इनके दोनो वैल्यू में बहुत ज्यादा का अंतर होता है। वही पे कुछ पैनी स्टॉक होते है जिनकी फेस वैल्यू तो ₹10 है लेलिक उनकी मार्केट वैल्यू ₹1 है तो ऐसे कंपनी से दूर रहना चाहिए।
Book value क्या है – बुक वैल्यू का मतलब है कम्पनी की वैल्यू। अगर कल को कंपनी बंद हो जाती है तो कंपनी के सारे assets को बेच के और सारे liabilities को चुकाने के बाद कंपनी के पास जो पैसा बचेगा उसे कम्पनी अपने शेयरहोल्डर्स में बांट देंगी।
जैसे की अगर हमारी कम्पनी ABC Ltd कल को दिवालिया हो जाती है, भगवान ने करे की ऐसा हो लेकिन अगर हमारी कम्पनी दिवालिया हो जाती है तो कंपनी के assets बेचने के बाद और लायबिलिटी चुकाने के बाद जो पैसा बचेगा उसे अपने शेयरहोल्डर्स में बांटना होगा।
Face value किसी भी स्टॉक की original value होती है , जब कोई कंपनी लीगल तरीके से शुरू होती है और अपने शेयर्स डिक्लेयर करती है, तब कंपनी जिस प्राइस पे शेयर्स डिक्लेयर करती है उसे face value कहा जाता है।
क्या आईपीओ प्राइस और फेस वैल्यू सेम होता है?
नहीं, लगभग सारी कंपनिया अपना आईपीओ प्रिमियम पे लाती है। दोनो के प्राइस में अंतर होता है।
अभी आपने क्या सीखा
मुझे उम्मीद है आपको face value क्या है समझ आ गया होगा। अगर अभी भी आपको कोई confusion है तो आप बेझिझक हमसे पूछ सकते हैं। और कोई आपका दोस्त हो जो शेयर मार्केट के बारे में जानना चाहता है तो आप उनको शेयर कर सकते है।
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Thank you